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Showing posts from June, 2019

गैस पीड़ित रहवासी मूल सुविधा साफ पानी पक्की सड़क और बिजली जैसी समस्या से आज भी निरंतर जूझ रहे।

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*📲👁‍🗨R T  NEWS 👁‍🗨📲*    *🗞🗞*राष्ट्र तिलक🗞🗞* *आवाज़ आपकी... कलम हमारी...* 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥 भोपाल। गैस राहत कालोनी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा इस कॉलोनी का नाम बदलकर जीवन ज्योति कॉलोनी भले ही कर दिया हो पर ना तो बीजेपी कभी गैस पीड़ित की सुविधाओं का ध्यान रख सकी और ना ही कांग्रेस रख पा रही है स्थिति है गैस पीड़ित क्षेत्र गैस राहत कॉलोनी में जलभराव की स्थिति होती है जिसमें लोगों के घर में पानी भर जाता है ना तो मुख्य सड़क से गलियों में जाने के लिए पक्की सड़क है ना ही कोई और व्यवस्था जिसके कारण गलियों में और घरों के सामने कच्ची सड़क ओर काली मिट्टी होने के कारण कीचड़ हो जाती हैं और पानी भर जाता है।  *गैस पीड़ित रहवासी अपनी मूल सुविधाओं को लेकर निरंतर संघर्ष* करते रहे हैं जो संघर्ष पिछले 25 सालों से खत्म नहीं हो पा रहा है स्थिति है गैस पीड़ित रहवासी मूल सुविधा साफ पानी पक्की सड़क और बिजली जैसी समस्या से आज भी निरंतर जूझ रहे हैं क्षेत्र में साफ सफाई का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है वर्षा के समय क्षेत्र में बड़ी बड़ी घास निकल आती है जिसको रहवासियों के भरोसे ही छोड़ दिया

किसानों पर दबंगाई, ये कैसी नेतागिरी है भाई ?

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भोपाल /रापप्र/ रसूली पठार तहसील हुजूर भोपाल के पाँच पुश्तैनी मकानों को महापौर आलोक शर्मा के गुर्गों द्वारा दबंगाई कर तोडऩे की धमकी देने का मामला सामने आया है जिसे लेकर ग्रामवासी किसानों में रोष और म.प्र. सरकार पर चुनौती प्रतीत होती है कि जो किसानों के $कर्ज़ मा$फ कर रही है वो सरकार किसानों गा्रमीणों की सुरक्षा में सक्षम है या नहीं             राइटपथ समाचार पत्र के प्र्रतिनिधी श्री हाकिम मो. खान को ग्रामीणों ने पंचनामा की $फोटोकापी सौपकर बताया कि ग्राम पंचायत रसूलिया पठार के कार्यालय के सामने की ओर पट्टे वाली सरकारी ज़मीन पर जो पांच ग्रामीण किसानों के पुश्तैनी मकान है उसी से लगी ज़मीन जिसका बहुत बड़ा $फं ट सड़क पर होने के उपरांत भी आलोक शर्मा के लोग हमें हमारे मकान तोडऩे की धमकी दे रहे है उन्होंने ग्रामीणों को डराया कि यदि तुमने ये मकान नहीं तोड़े तो हम कलैक्टर और सरकारी मिशनरी का उपयोग कर हटवा देंगे अभी दो एक दिन पहले शर्मा जी के गुर्गे तहसीलदार को भी लेकर आए थे और धमकियाँ दे रहे थे।           मानसिक रूप से पीडि़त इन ग्रामीणों का कहना है कि ये ज़मीन हमने राकेश शर्मा को इसी आधार पर बेच

30 हज़ार रुपये से भरा पर्स चार्ली ने किया मालिक के सुपुर्द

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  थाना कोतवाली की चार्ली 2-2 में लगे आरक्षक 986 धर्मेंद्र रघुवंशी व आरक्षक 2775  नवेंद्र श्रीवास्तव को इलाके में भ्रमण के दौरान आज दोपहर पीरगेट के पास सड़क पर एक पर्स पड़ा मिला, जिसे चार्ली द्वारा उठाकर देखा गया, जिसमें 100, 500 व 2000 के नोट समेत कुल 30 हजार रुपये रखे हुए थे। चार्ली ईमानदारी व मानवीयता का परिचय देते हुए पर्स मालिक की तलाश करने लगी।  करीब डेढ़ घण्टे तक तलाश करने के बाद बाजार में ही पर्स मालिक पर्स तलाशते हुए मिला, जो कि दिव्यांग है, जिसने पूछताछ में बताया कि मेरा नाम खातून है। मैं भोपाल स्टेशन पर 6 नम्बर प्लेटफार्म के पास रहता हूँ एवं चौराहों पर खेल-खिलौने बेचता हूँ। मैं आज सामान खरीदने बाजार आया था, पर्स थैली में रखा हुआ था, सामान निकालते समय पर्स कहीं गिर गया था, जिसमें करीब 30 हजार रुपये रखे हुए थे।       पुलिसकर्मियों द्वारा खातून को थाना ले जाकर रूपयों से भरा पर्स सकुशल सुपुर्द किया गया। आरक्षक नावेंद्र श्रीवास्तव 7049106395

कमलनाथ जी! क्या कुत्ते, बिजली और अफसरों से ही निपटते रहोगे,क्या पत्रकारों को जर-खरीद गुलमट्टा बनाना चाहते हैं ?

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महेश दीक्षित-विशेष टिप्पणी..आज सांध्य दैनिक 6pm में ---------------------------------------------- बाबूलाल गौर जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, तब वे सिर्फ भोपाल के मुख्यमंत्री कहलाते थे...और अब जब कमलनाथ मुख्यमंत्री बन गए हैं, तो वे सिर्फ छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री कहलाते हैं। वजह, नाथ पांच महीने बाद भी छिंदवाड़ा की खोल से बाहर नहीं आ सके हैं। उनकी सुबह छिंदवाड़ा से शुरू होती है और रात भी छिंदवाड़ा चिंतन में ही खत्म हो जाती है।  यही वजह है कि, प्रदेश की जनता और मीडिया (सूचना नवीसों) को, जिनसे की सीएम का रोजाना सीधा संवाद होना चाहिए, उन्हें सीएम सचिवालय की एनेक्सी से खदेड़ दिया गया है। मुख्यमंत्री का मंत्रियों पर कोई अंकुश नहीं रह गया है। वे छुट्टा बैल की तरह हो गए हैं। मोदी के गुजरात मॉडल की तर्ज पर छिंदवाड़ा मॉडल को जनता के सामने पेश कर चुनाव लडऩे और मध्यप्रदेश के विकास को नया आयाम देने का दावा करने वाले कमलनाथ के लिए कुत्ते, बिजली और आईएएस-आईपीएस के ट्रांसफर-पोस्टिंग बड़ा इश्यू हो गए हैं। अच्छे स्कूल-अस्पताल, युवाओं को रोजगार, किसानों की कर्ज माफी, सुशासन, कानून-व्यवस्था और हर वर्