क्या शिवराज पर कर पाएंगे एफआईआर ?

450 करोड़ के पौधा रोपण घोटाले में..

By Sabkikhabar

   

-जिस अफसर पर एफआईआर की जिम्मेदारी वह भी कटघरे में

भोपाल। मप्र के वनमंत्री उमंग सिंघार ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता बुलाकर  जोर-शोर से घोषणा तो कर दी है कि प्रदेश में फर्जी पौधारोपण के नाम पर हुए  450 करोड़ के घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ ईओडब्ल्यू में एफआईआर की जाएगी। लेकिन अभी तक वन विभाग ने न तो एफआईआर की प्रस्ताव तैयार किया है, न ही इसे सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है और न ही अभी तक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे हरी झंडी दी है।
वनमंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार और वन विभाग के लगभग आधा दर्जन अधिकारियों को जुलाई 2017 में हुए फर्जी पौधारोपण के लिए जिम्मेदार मानते हुए वन विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव को इस मामले को  ईओडब्ल्यू  को  सौंपने के निर्देश दिए हैं लेकिन मंत्रालय और ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का मानना है कि मंत्री की घोषणा करने से किसी जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर नहीं होती। इसके लिए प्रक्रिया है। वन विभाग को प्रारंभिक जांच कर इसे ईओडब्ल्यू को सौंपने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्ताव भेजना होगा। सामान्य प्रशासन विभाग इस संबंध में मुख्यमंत्री से अभिमत मांगेगा। मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद यह मामला  ईओडब्ल्यू को भेजा जा सकेगा, लेकिन अभी न तो वन विभाग ने कोई प्रस्ताव सामान्य प्रशासन को भेजा है और न ही मुख्यमंत्री की सहमति मिली है।  एपी श्रीवास्तव की भूमिका

वनमंत्री ने 5 अक्टूबर को 2 पेज की एक नोटशीट अपर मुख्य सचिव वन एपी श्रीवास्तव को भेजी थी जिसमें जुलाई 2017 को हुए फर्जी पौधारोपण का मामला  ईओडब्ल्यू को सौंपने के निर्देश हैं। खास बात यह है कि इस कथित भ्रष्टाचार के लिए अरबों की राशि की वित्तीय अनुमति आईएएस अधिकारी एपी श्रीवास्तव ने ही दी थी। उस समय श्रीवास्तव वित्त विभाग में प्रमुख सचिव थे। मंत्रालय में चर्चा है कि इस मामले की जांच हुई तो आंच एपी श्रीवास्तव तक पहुंचेगी। ऐसे में क्या श्रीवास्तव वन विभाग में रहते इस भ्रष्टाचार की जांच के लिए  ईओडब्ल्यू से आग्रह करेंगे।

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